डीएमएफ मद पर विधायक कर्मा ने प्रशासन पर बड़े सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा के लिए हर वर्ष 300 करोड़ रूपए खर्च किए जाने हैं। इस राशि से दंतेवाड़ा जिला स्वर्ग सा बन जाएगा, लेकिन ऐसा भाजपा शासन काल में संभव नहीं है। ग्रामीण इलाकों की बात तो छोड़ ही दो, लौह नगरी जहां का यह पैसा है वहां भी लोग गंदा पानी पी रहे हैं। इस बात को विधानसभा में भी उठाया गया। हालात यह है कि सोमवार को प्रशासन की ओर से अवगत कराया गया कि डीएमएफ की समीक्षा बैठक हैै। एक विधायक को 24 घंटे पहले बताया जाता है। यह इसलिए भी किया जाता है ताकि वह बैठक में न पहुंच सके। इस बैठक में सांसद दिनेश कश्यप को भी पहुंचना था। उन्होंने इस बैठक में शामिल नहीं हुए और जगदलपुर निकल गए।
00 मंत्रियों के चहेतों से करवा रहे निर्माण :
डीएमएफ मद से जिले में सभी निर्माण कार्य जारी है। यह निर्माण कार्य प्रशासन मंत्रियों के चहेतों से करवा रहा है। डीएमएफ का बंदरबांट किया जा रहा है। अधिकारी इस राशि को खर्च करने के लिए भाजपा के जनप्रतिनिधि और उनके संगठन के पदाधिकारियों को भी बेहिसाब दे रहा है। खेलों के नाम पर भी भाजपा के मंडल अध्यक्ष जैसे लोगों को भी दो-दो लाख रूपए आसानी से दे दिए जाते हैं। विधायक देवती कर्मा ने आरोप लगाया कि अधिकारी भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।
दंतेवाड़ा की 300 करोड़ से बदल जाएगी सूरत
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